विशेषण की परिभाषा, अंग, भेद Visheshan in Hindi VYAKARAN
आईये जानते हैं विशेषण की परिभाषा, अंग, भेद Visheshan in Hindi VYAKARAN
विशेषण की परिभाषा, अंग, भेद Visheshan in Hindi VYAKARAN
विशेषण की परिभाषा
वे शब्द जो किसी भी प्रकार की संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को बताते हैं, ऐसे शब्दों को विशेषण कहा जाता है|
उदाहरणतः- काला, हरा, लम्बा| विशेषण दिए गए वाक्य में प्रयुक्त विशेषता को दर्शाता है|
विशेषण से बने वाक्य :-
- वह घोड़ा काला था|
- ताजमहल बहुत खूबसूरत है|
- यह तो बहुत सुन्दर वस्तु है|
- गांधी जी बहुत मेहनती थे|
- भारत एक शक्तिशाली देश है|
- वह मेरा परम मित्र है|
- वह बहुत अच्छा लगा|
- आज आसमान बहुत काला है|
- दवाइयां बहुत कड़वी हैं|
- प्रतीक बहुत ही बुरा इंसान है|
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विशेषण के अंग
वे सभी शब्द जो विशेषण को व्यक्त करने में विशेषण के सहायक होते हैं एवं विशेषण के संचरण में जिन शब्दों की भूमिका होती है, वे विशेषण के अंग कहलाते हैं|
विशेषण के अंग के विषय में जानकारी :-
- विशेष्य :- वह संज्ञा या सर्वनाम जिसकी वाक्य में विशेषता बताई गई हो, वह विशेष्य कहलाता है| विशेष्य को प्राय विशेषण के पहले या बाद में लिखा जाता है| जैसे :- शरारती लड़का, खूबसूरत स्थल, नई सड़क| इन उदाहरणों में, शरारती, खूबसूरत और नया विशेषता है और लड़का, स्थल एवं सड़क, विशेष्य हैं|
- प्रविषेशण :- जिन शब्दों से विशेषण की विशेषता का पता चलता है वे शब्द प्रविशेषण कहलाते हैं| जैसे :- वह बहुत शरारती है, विनीत बहुत बुद्धिमान है, यह बहुत गलत है| इन वाक्यों में बहुत प्रविषेशण है|
- उद्देशय विशेषण :- विशेषण को हमेशा, विशेष्य से पहले या बाद में लगाया जाता है| इसी आधार पर उद्देशय विशेषण, का अर्थ होता है वे सभी विशेषण जो विशेष्य के पहले लगाए जाते हों :- सुंदर लड़की, अच्छा लड़का|
- विधेय विशेषण :- जो विशेषण, विशेष्य के पहले लगाए जाते हैं उन्हे विधेय विशेषण कहा जाता है| उदाहरणतः ये महल सुंदर है| ये तरबूज मीठे हैं|
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विशेषण के भेद
विशेषण के भेद, अलग अलग प्रकार के विशेषण के आधार पर किए जाते हैं| यानी कि इसका अर्थ है कि विशेषता बताने वाले शब्दों के आधार पर उनमें भेद किए जाते हैं|
विशेषण के भेद क्या हैं :-
- गुणवाचक विशेषण
- परिणामवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
- व्यक्तिवाचक विशेषण
- प्रश्नवाचक विशेषण
- तुलनाबोधक विशेषण
- संबंधवाचक विशेषण
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गुणवाचक विशेषण
वे सभी शब्द जो किसी भी संज्ञा या सर्वनाम के गुण बताते हैं, यानी उनकी सकारात्मक विशेषता बताने वाले शब्द, गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं|
गुणवाचक विशेषण से बने वाक्य-
- अनंत एक विद्वान लड़का है|
- महेंद्र बहुत शांत चित का है|
- रेणु बहुत सुन्दर है|
- दिल्ली खूबसूरत शहर है|
- अशोक के पेड़ लंबे होते हैं|
- यह घना जंगल है|
- हीरा कीमती है|
गुणवाचक विशेषण के उपभेद
- गुणबोधक :- वह विशेषण जिससे किसी संज्ञा या सर्वनाम का गुण पता चले, उसे गुणबोधक विशेषण कहते हैं| जैसे :- कीमती, सुंदर, इत्यादि|
- दोषबोधक :- वह विशेषण जिससे किसी संज्ञा या सर्वनाम का दोष पैरा चले, उसे दोषबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः बुरा, बदसूरत इत्यादि|
- रंगबोधक :- वह विशेषण जिससे किसी संज्ञा या सर्वनाम का रंग पता चले, वह रंगबोधक विशेषण कहलाता है| उदाहरणतः काला, नीला, पीला इत्यादि|
- अवस्थाबोधक :- वह विशेषण जिससे किसी पदार्थो की अवस्था का बोध होता है उसे अवस्थाबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः पतला, लम्बा, मोटा, इत्यादि|
- स्वादबोधक :- वह विशेषण जिससे किसी संज्ञा या सर्वनाम के स्वाद का बोध हो उन्हे स्वादबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः मीठा, खट्टा इत्यादि|
- आकारबोधक :- वह विशेषण जिससे किसी संज्ञा या सर्वनाम के आकार का बोध हो उन्हे आकारबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः गोल चौकोर, सुडौल, समान, पीला, सुंदर, नुकीला, लम्बा|
- कालबोधक :- जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम के काल का बोध कराएं उन्हे कालबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः नया, पुराना इत्यादि|
- स्थानबोधक :- किसी भी संज्ञा या सर्वनाम के स्थान का बोध कराने वाले विशेषण को स्थानबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः पंजाबी, भारतीय, विदेशी|
- दिशाबोधक :- दिशा का बोध कराने वाले विशेषण दिशाबोधक विशेषण कहलाते हैं| जैसे उत्तर, दक्षिण|
- स्पर्शबोधक :- संज्ञा या सर्वनाम के स्पर्श को सूचित करने वाले विशेषण को स्पर्शबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः मुलायम, सख्त इत्यादि|
- भावबोधक :- यह विभिन्न भावों को सूचित करते हैं, जैसे अच्छा बुरा, कायर, वीर|
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परिणामवाचक विशेषण
वे विशेषण जो पदार्थ की मात्रा बताते हैं, वे परिणामवाचक विशेषण कहलाते हैं| जैसे, चार, कुछ| गौरतलब है कि यह निश्चित और अनिश्चित दोनों ही प्रकार के मात्रक का बोध कराते हैं|
परिणामवाचक विशेषण से बने वाक्य –
- भैया, चार लीटर दूध दे दो|
- कुछ रुपयों की जरूरत है|
- कुछ खेतों की मिट्टी बंजर है|
- मुझे थोड़ी सी चाय दे दीजिए|
- रोज एक सेब खाया करो|
- भारत में 29 राज्य हैं|
- कुछ लोग बहुत बुरे हैं|
- जीवन में एक बार कारगिल पार्क अवश्य जाना|
- हर राज्य का एक मुख्यमंत्री होता है|
- कौरवों की संख्या 100 थी|
परिणामवाचक विशेषण के उपभेद
- निश्चितपरिणाम वाचक विशेषण :- वस्तुओं की वह मात्रा जो निश्चित एवं अचर है, उसे निश्चितपरिणाम वाचक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः पांच लीटर दूध, दस किलो दही, सोलह शृंगार, छत्तीस गुण, पांच नदियां, एक सेर गेंहू, पांच कुंतल चावल|
- अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण :- वस्तुओं का वह मात्रक, जो अनिश्चित एवं चर है, उसे अनिश्चित परिणाम वाचक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः कुछ भैंसे, ढेर सारा पैसा, थोड़ी सी चाय, कुछ सेब|
संख्यावाचक विशेषण
संज्ञा या सर्वनाम में सांख्यिकी विशेषता बताने वाले शब्द, संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं| यह शब्द सदैव संख्या का बोध कराते हैं| जैसे :- एक, दो, पांच इत्यादि|
संख्यावाचक विशेषण से बने वाक्य –
- वहां दो शेर थे|
- मंदिर की एक दीवार पर चित्र है|
- उपवन में सत्रह पौधे हैं|
- सौरमंडल में आठ ग्रह हैं|
- कुछ लोग आए थे|
- मुझे दुगने रुपए चाहिए|
- तीसरा नंबर आपका है|
- छह रनों से भारत हार गया|
- डॉ मनमोहन सिंह दो बार भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं|
- नासा केवल एक देश द्वारा चलाया जाता है|
संख्यावाचक विशेषण के उपभेद
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण :- जिन विशेषण के शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित होने का ज्ञान हो उन्हे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः चार कलम, दो मोर, दस पंक्षी, एक ट्रेन, चौदह स्टेशन, एक दर्जन लोग, पंद्रह राज्य, सत्रह कप चाय इत्यादि|
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण :- जिन विशेषण के शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की निश्चितता का बोध न हो वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं|उदाहरणतः कुछ बच्चे, थोड़ी सी चाय, कुछ देर बाद, इत्यादि|
- विभागबोधक संख्यावाचक विशेषण :- विशेषण के वे शब्द जो सख्या संख्या को विभागित कर देते हैं वे विभागबोधक संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं| उदाहरणतः दो-दो हाथ, चार-चार लोग, पंद्रह-पंद्रह घंटे|
सार्वनामिक विशेषण
सर्वनाम के वो शब्द जिनसे संज्ञा की विशेषता बताई जा सके वे सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं| प्राय ऐसे शब्दों में सर्वनाम ही विशेषण की तरह कार्य करता है| ऐसे शब्दों को निर्देशक भी कहा जाता है| उदाहरणतः उसकी पुस्तक, वह बालक, यह पुरुष|
सार्वनामिक विशेषण से बने वाक्य
- वह मेरी पुस्तक है|
- कोई बालक आएगा|
- यह किसी का महल है|
- वह बालक बहुत चतुर है|
- वह पुस्तक मेरी है|
- वह लड़की खूबसूरत है|
- वे बड़े ही होशियार हैं|
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सार्वनामिक विशेषण के उपभेद
- संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण :- संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण, वे शब्द कहलाते हैं जो किसी भी संज्ञा को संकेत करते हैं| उदाहरणतः वह, यह, वे, ये इत्यादि|
- अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण :- वे शब्द जो अनिश्चित संकेत करते हैं, सर्वनाम के वे शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं| उदाहरणतः कोई, कुछ इत्यादि|
- प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण :- वे सर्वनाम जो किसी संज्ञा को प्रश्नवाचक विशेषता देते हैं, वे प्रश्न वाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं| उदाहरणतः क्या, कौन, कब, कहां, किसलिए|
- संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण :- सर्वनाम के वे शब्द जो संज्ञा से संबंध रूपी विशेषता को दर्शाते हैं, वे संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं| उदाहरणतः मेरा, तुम्हारा, उसका, इसका|
- मौलिक सार्वनामिक विशेषण :- सर्वनाम के वे शब्द जो बिना किसी बदलाव के संज्ञा के साथ जुड़कर, उसकी विशेषता बताएं उन्हे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं|उदाहरणतः वह घर, कोई नौकर, कुछ लोग इत्यादि|
- यौगिक सार्वनामिक विशेषण :- सर्वनाम के वे शब्द जिनमें प्रत्यय लगाकर, संज्ञा की विशेषता बताई जाए उन्हे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः ऐसा व्यक्ति, उतना काम, कैसा देश|
व्यक्तिवाचक विशेषण
वे शब्द जिनमें व्यक्तिवाचक संज्ञा द्वारा विशेषण का निर्माण किया जाए, उसे व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः कानपुर से कानपुरिया|
व्यक्तिवाचक विशेषण से बने वाक्य
- शर्मा जी इलाहाबादी हैं|
- अमरीकी राजनीति बहुत जटिल है|
- कनपुरिया मिज़ाज़ है आपका|
- बनारसी साड़ी दिखाओ जरा|
- जयपुरी मिठाई खाओगे|
- बम्बइया भेलपूरी का स्वाद निराला है|
- यह टोपी रूसी है ना?
प्रश्नवाचक विशेषण
वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम को प्रश्न रूपी विशेषता दर्शाए वे प्रश्नवाचक विशेषण कहलाते हैं| उदाहरणतः कौन शनि, कब आया था, इत्यादि|
प्रश्नवाचक विशेषण से बने वाक्य
- कौन सी पुस्तक है?
- रमेश कब आया था?
- कौन खाएगा कचौड़ीया?
- गृहकार्य किसने नहीं किया?
- तुम क्या चाहते हो?
- वह क्या है?
- क्या हुआ तुम्हें?
- किस प्रकार का मकान है यह?
- कौन लोग आए थे?
तुलनाबोधक विशेषण
वे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने के दौरान उनकी तुलना भी करते हैं, ऐसे शब्द तुलनाबोधक विशेषण कहलाते हैं|
तुलनाबोधक विशेषण से बने वाक्य
- वह मोहन से अधिक सुंदर है|
- रावण तो कंस से भी ज्यादा बुरा था|
- कर्ण से ज्यादा शक्तिशाली अर्जुन थे|
- हाँ अकबर कुशल शासक था, लेकिन अशोक जितना नहीं|
- आर्यन प्रतीक से ज्यादा मुर्ख है|
- अभय और नेहा, विष्णु से ज्यादा लंबे हैं|
तुलनाबोधक विशेषण के उपभेद
- मुलावस्था :- बिना किसी तुलना के, व्यक्ति के गुण दोष बताने के लिए किए गए प्रयोग विशेषण को, मुलावस्था तुलनाबोधक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः सुंदर, बहादुर, कायर, अच्छा बुरा, इत्यादि|
- उत्तरावस्था :- जब विशेषण के शब्दों द्वारा दो संज्ञा या सर्वनामों में तुलना की जा रही हो, उसे उत्तरावस्था कहते हैं| उदाहरणतः रवींद्र, अश्विन से अच्छा खेलता है| दिल्ली कानपुर से ज्यादा दूर है| गंगा नदी, नील नदी से छोटी है| इत्यादि|
- उत्तमावस्था :- विशेषण द्वारा संज्ञा या सर्वनाम के समूह में से केवल एक को अधिक गुणवान बताना उत्तमावस्था के अंतर्गत आता है| उदाहरण के तौर पर “मीनू, कक्षा की सबसे ज्यादा विदुषी छात्रा है”, इस वाक्य में यह देखा जा सकता है कि मीनू को कक्षा की सबसे ज्यादा विदुषी छात्रा बताया गया है, जिसका अर्थ है कि मीनू को संज्ञा एवं सर्वनाम के समूह में सबसे उत्तम कहा गया है| उत्तमावस्था इसी प्रकार कार्य करती है|
संबंधवाचक विशेषण
वे शब्द जो किसी भी दो संज्ञा या सर्वनाम के मध्य संबंध को दर्शाएँ उन्हे संबंधवाचक विशेषण कहते हैं| उदाहरणतः बाहरी|
संबंधवाचक विशेषण से बने वाक्य
- वह दयामय है|
- बरामदा बाहर है|
- वह गला हुआ है|
Not good not bad but very very long that’s the minus point