जीवन में त्यौहारों का महत्व निबंध Essay on Importance of Festivals in Life (Hindi)
इस लेख में जीवन में त्यौहारों का महत्व निबंध Essay on Importance of Festivals in Life (Hindi) को सरल रूप में लिखा गया है। त्यौहारों के महत्व पर निबंध कक्षा 4 से 12 तक विविध रूपों में पूछा जाता है। इस लेख उत्सवों के महत्व पर निबंध से आवश्यक परीक्षाओं में लिखने के लिए मदद लिया जा सकता है।
जीवन में त्यौहारों का महत्व निबंध Essay on Importance of Festivals in Life (Hindi)
त्यौहारों में समाज को जोड़े रखने की क्षमता होती है इसलिए त्यौहारों का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि दौड़ भाग भरी जिंदगी में लोग इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें वर्तमान की कोई खबर नहीं रहती।
संसार में जितने धर्म, समुदाय तथा जाति के लोग रहते हैं उनसे जुड़े हुए इतिहास में कुछ अच्छी और बुरी घटनाएँ घटी हैं। अच्छी घटनाओं से इंसान प्रसन्न रहते हैं और बुरी घटनाओं से दुखी, इसलिए अच्छी घटनाओं को पुनरावर्तित करने के लिए त्यौहारों का निर्माण किया गया है।
कुछ त्यौहार बहुत पुराने हैं और कुछ समय और घटनाओं के साथ इंसानों ने बनाया है। त्यौहार लोगों के जीवन को मनोरंजन और ढेर सारी ख़ुशियों से भरते तथा उनमें नवीनता का संचार करते हैं।
क्यों जरूरी हैं जीवन में त्यौहार? Why Festivals and Events are Important in Life?
मानव जीवन में त्यौहारों का बहुत ही महत्व है, धरती पर विभिन्न जाति तथा धर्म के लोग रहते हैं और सभी के अपने-अपने त्यौहार भी हैं लेकिन उन सभी के त्यौहारों में एक ही समानता दिखाई देती है वह है “समाजिक जुड़ाव तथा प्रसन्नता का निर्माण।
सभी त्यौहारों के साथ बदलाव के कुछ ना कुछ संदेश अवश्य जुड़े होते हैं, जिनका उद्देश्य मानव के विचारों को नवीन बना कर उनमें उनके समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव पैदा करना है। उदाहरण स्वरूप भारत में प्रमुख त्यौहार दीपावली है और उसका मूल उद्देश्य समाज में न्याय और सदभावना का विचार भरना है।
पटाखे और दीप तो सिर्फ एक साधन हैं लेकिन मूल उद्देश्य दीपावली के इतिहास तथा परिभाषा में छुपी है। दूसरी ओर त्यौहार समाजिक समरसता की सीख भी देते हैं क्योंकि त्यौहारों के दिन सभी की छुट्टी होती है और उन्हें परस्पर मिलने जुलने का समय मिलता है।
भारत देश को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ सभी धर्मों के लोग रहते हैं और हर महीने किसी न किसी त्यौहार का आवागमन लगा रहता है। भारत में त्यौहार को सिर्फ त्यौहार की तरह देखा जाता है तो चाहे वह किसी भी धर्म या संप्रदाय का क्यों न हो और भारत के प्रत्येक त्यौहार में अपनी विधि और परंपरा के साथ समाज और देश के लिए कोई न कोई विशेष संदेश निहित होता है।
मुस्लिम धर्म में ईद को बहुत हर्ष और उल्लास के साथ पूरी दुनियाँ के मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य भाईचारा और खुद के अंदर के पशुत्व को क़ुर्बान करना है। इस त्यौहार में पूरे एक महीने तक मुस्लिमों द्वारा रोजा रखा जाता है।
इसमें जमात उल विदा का पाक महोत्सव मनाया जाता है जिससे सभी लोगों के मन में एक दूसरे के लिए भाईचारे तथा प्रेम की भावना जागृत होती है। इसी प्रकार ईसाईयों द्वारा मनाए जाने वाले क्रिस्मस त्यौहार में लोग एक दूसरे की ग़लतियाँ माफ करके उनके लिए शुभ कामना करते हैं।
त्यौहारों के द्वारा मिलती सीख Learnings from the Festivals
माना जाता है लोगों में एकता और एक दूसरे के प्रति भाईचारा का भाव जागृत करने के लिए कुछ त्यौहारों का गठन किया गया था लेकिन समय बीतने के साथ लोग समाज में होने वाले उत्सवों में बहुत कम रुचि ले रहें हैं जैसे की हाल में ही भारत के द्वारा निर्मित त्यौहार “अन्तराष्ट्रीय योग दिवस” की शुरुवात मानव जीवन को स्वस्थ शरीर और मन प्रदान करने के लिए हुआ था लेकिन फिर भी योग को करने वालों की संख्या बहुत ही कम है।
ठीक ऐसे ही दूसरा त्यौहार राजा राम मोहन राय द्वारा निर्मित गणेश चतुर्थी है जिसका निर्माण हिन्दू समाज को एकजुट करने के लिए बनाया गया था इस त्यौहार में हिन्दू समाज अपनी आजीविका का छोटा सा हिस्सा चंदा के रूप में निकाल उससे गणेश भगवान की प्रतिमा को स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं तथा एक हफ्ते के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को बड़े जलाशय में विसर्जित कर दिया जाता है।
इसी प्रकार दुर्गा पूजा, बाल दिवस, गांधी जयंती, महावीर जयंती, भगवान बुद्ध जयंती इत्यादि त्यौहारों का निर्माण किया गया था लेकिन अब लोगों का इन त्यौहारों के द्वारा दिए जा रहे सीखों के प्रति रूझान कम होता जा रहा है और उनकी सोच सिर्फ चिन्हों तक सिमित होकर रह गयी है।
सुधार के रूप में इन त्यौहारों का नवीनीकरण होना चाहिए और इनके पीछे छिपे उद्देश्यों को जन जन तक पहुँचाना चाहिए जैसे की सिर्फ पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण से प्रेम करने के स्थान पर पूरे वर्ष ही अपने छोटे-बड़े कर्मों से पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए और मात्र ईद पर अपने दिल के कुविचारों को दूर करने के स्थान पर पूरे वर्ष ही अपने कुवृत्तियों को दूर कर सद्वृत्तियों को बढ़ाना चाहिए।
त्यौहारों के समय बरती जाने वाली सावधानियाँ Precautions to be taken during festivals
हाल की जीवन में त्यौहारों का महत्व बहुत ज्यादा है परंतु आज पैसे खर्च करना और प्रकृति को नुकसान पहुंचाना वर्तमान में त्यौहार की परिभाषा बना दी गई है। होली जैसे पवित्र त्यौहार को लोग केवल प्रकृति को दूषित करना और बुरी चीजों का सेवन करना ही समझते हैं जबकि यह त्यौहार सभी को बुराइयों को छोड़ने का संदेश देता है।
दीवाली जैसे पवित्र पर्व पर लोग पटाखे जला कर प्रकृति को प्रदूषित करते हैं, जिससे बेजुबान पशु पक्षियों को बहुत आघात पहुँचता है। ऐसे ही ईद जैसे पवित्र पर्व पर लोग बेजुबान पशुओं की बलि देते हैं जबकि यह त्यौहार लोगों को अपने अंदर की पशु वृत्ति की बलि देने का संदेश प्रदान करता है।
त्यौहारों की सबसे बड़ी सावधानी के रूप सबसे जरुरी चीज़ है उनकी सही और सात्विक परिभाषा समझना साथ ही त्यौहारों को इस प्रकार मोड़ना जिससे प्रकृति को लाभ हो न की हानि। उदा. कुछ त्यौहारों में रोड पर लोगों का समूह एकत्रित हो जाता है जिससे सामान्य लोगों को तथा एम्बुलेंस जैसे जरूरी वाहनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है
जहाँ त्यौहार ज्ञान और ख़ुशियों का माध्यम बनते हैं वहीँ दूसरी ओर अगर पर्याप्त सावधानियाँ न बरती जाए तो बहुत नुकसान भी कर सकती हैं हालाँकि त्यौहार जैसे पर्यावरण दिवस या योग दिवस जैसे त्यौहारों से कोई खतरा नहीं होता पर ज्यादातर त्यौहारों में सतर्कता बरतने की जरुरत होती है।
कुछ भारतीय त्यौहार जिनका भारत मे बहुत महत्व है Some Indian festivals which are very important in India
भारत देश त्यौहारों का देश है। जहाँ पूरे साल भर त्यौहार बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाये जाते हैं। हमारे भारत देश में कई धर्मों के लोग साथ मिल जुल कर त्यौहारों को मनाते हैं।
इतनी सारी विभिन्नताएं होने के बावजूद भी सभी धर्मों और जातियों के लोग त्यौहारों का लुत्फ़ लेते हैं। चाहे वह हिन्दुओं की दीवाली और होली ही क्यों न हो, मुसलमानों की ईद ही क्यों न हो, सिक्खों की लोहड़ी ही क्यों न हो और ईसाइयों का क्रिशमस ही क्यों न हो।
त्यौहार शब्द सुनते ही मन में हर्ष और उल्लास जाग जाता है, मन अपने आप ही प्रफुल्लित हो उठता है। भारतीय अपने त्यौहारों को विशेष महत्त्व देते हैं। त्यौहारों को मनाने के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
किसी भी धर्म सम्प्रदाय के लोग हो, गांव हो या शहर हर तरफ त्यौहारों की होड़ लगी रहती है। भारत देश का हर एक त्यौहार लोगों के प्रति प्रेम, एकता, हर्ष और उल्लास का सन्देश देता है।
हर किसी त्यौहारों से जुडी हुई कोई न कोई कहानी है जो हमारी परम्पराओं के अनुसार लम्बे समय से चली आ रही है। अपनी इस संस्कृति और परम्परों को यथावत रखने के लिए हमें त्यौहारों को मनाते रहना चाहिए।
त्यौहार मनाने से हमारे घर – परिवार, आस – पड़ोस और मित्रों के बीच एक अच्छा माहौल बनता है। जो हमारे रिश्तों को और भी मजबूत रखता है।
निम्नलिखित भारतीय त्यौहारों का महत्व बहुत ही अधिक है –
दीवाली – यह त्यौहार मुख्य रूप से हिन्दुओं का है। दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है जो समृद्धि को दर्शाता है। रात्रि में घर और हर स्थान को दीयों से प्रकाशित किया जाता है। इसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है।
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होली – होली यानि की रंगों का पर्व। होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन सभी को रंग – गुलाल लगा कर इस त्यौहार को मनाते हैं। यह त्यौहार सभी धर्मों के लोग बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।
विभिन्न तरह के पकवान इत्यादि बनाये जाते हैं। ‘गुजिया’ एक विशेष प्रकार का पकवान है जो ख़ास तौर पर होली के दौरान बनाई जाती है और सबको वितरित की जाती है।
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रक्षा-बंधन – यह त्यौहार भाई-बहनों के प्रेम को समर्पित है। बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है। ऐसा माना जाता है कि वह राखी सदा भाई की रखा करेगी और भाई प्रण लेता है कि वह अपनी बहन की सदा रक्षा करेगा।
यह त्यौहार सावन के महीने में आता है। सावन का पूरा महीना भगवान शिव जी को समर्पित है। इस पूरे महीने लोग व्रत भी रखते हैं और शिव भगवान का ध्यान करते हैं। इसीलिए ये पूरा महीना एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
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गणेश उत्सव – यह त्यौहार महारष्ट्र में बड़े ही धूम – धाम के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश जी की मूर्ती को लोग अपने घरों, आस – पड़ोस में स्थापित करते हैं व सात दिनों के उपरान्त जल में विसर्जित करते हैं।
महारष्ट्र के अलावा भारत के अन्य क्षेत्रों में भी भगवान गणेश जी की मूर्ती को स्थापित किया जाता है। जिसे लोग बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।
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दुर्गा पूजा – यह त्यौहार पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। इसमें माँ दुर्गा, माँ काली की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। बड़े ही श्रद्धा भाव से माँ की पूजा अर्चना की जाती है।
भारत के अन्य क्षेत्रो में भी माँ दुर्गा का उसी भक्ति – भावना से नवरात्रि के दौरान पूजन किया जाता है। लोग 9 दिनों तक व्रत रखते हैं। कई स्थानों पर तो भव्य मेला भी लगता है।
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दशहरा – नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद दशहरा मनाया जाता है। जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। पुरानी मान्यताओं के आधार पर रावण के पुतले को जलाया जाता है।
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महाशिवरात्रि – महाशिवरात्रि भगवान शिव जी को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सृष्टि का आरम्भ हुआ था और शिव भगवान और माता पार्वती का विवाह भी इसी दिन हुआ था।
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मकर संक्रांति – पूरा भारत इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब सूर्य पौष महीने में मकर राशि पर आता है तब इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्त्व है। इस त्यौहार को काइट फेस्टिवल के रूप में भी मनाते हैं। गुजरात व अन्य क्षेत्रों में इस दिन पतंग उड़ाई जाती है।
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ईद – यह त्यौहार मुस्लिम्स का मुख्य त्यौहार है। पूरा भारतवर्ष इस त्यौहार को हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है। पूरे एक महीने तक रोजा रखने के बाद जब नया चाँद उदय होता है उसके अगले दिन ईद मनाई जाती है।
इसे ईद-उल-फितर भी कहा जाता है। यह त्यौहार भाई – चारे की भावना को दर्शाता है। अच्छे – अच्छे पकवान बनाये जाते हैं। ख़ास तौर पर ‘सेवईं’ बनाई जाती है। सभी एक – दूसरे के घर जाकर ईद की मुबारकवाद देते हैं।
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क्रिश्मस – यह त्यौहार ईसाइयों का मुख्य त्यौहार है। जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन ईशा मसीह का जन्म हुआ था। इसीलिए ईशाई इस त्यौहार को प्रसन्नता पूर्वक मनाते हैं।
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गुरुपर्व – यह सिक्खों का त्यौहार है। सिक्खों के पहले गुरु ‘गुरु नानक जी‘ के जन्म दिन पर यह त्यौहार मनाया जाता है।
हमारे देश के कुछ राष्ट्रीय त्यौहार भी हैं जैसे – 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)– 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश अंग्रेजो की गुलामी से आज़ाद हुआ था, इसीलिए इस त्यौहार को पूरा भारता मनाता है। 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) – गाँधी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में यह त्यौहार मनाया जाता है क्योंकि वे हमारे राष्टपिता हैं। 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) – इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। इसीलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
भारत में कई राज्य हैं जो अपनी – अपनी परंपरा व संस्कृति को संजोय रखे हुए हैं। कुछ ऐसे भी त्यौहार हैं जो अलग – अलग राज्यों में मनाये जाते हैं जैसे – केरल में ओणम मनाया जाता है, पोंगल त्यौहार जो तमिल मनाते हैं, फसल की कटाई होने पर इस त्यौहार को मनाते हैं।
नवरोज़ त्यौहार नव वर्ष के रूप में पारसी समुदाय के लोग मनाते हैं। जैन लोगों के त्यौहार उनके गुरुओं को समर्पित हैं। जैसे – तीर्थंकर, जिनवाणी और महावीर जयंती आदि, जिसे वे प्रेम पूर्वक मनाते हैं।
इतनी सारी विभिन्नताएं होने के बादवजूद भी हमारे देश के लोग हर तरह के त्यौहारों को सभी के साथ मिल – जुल कर मनाते हैं। ये त्यौहार ही हैं जो हमें अनेकता से एकता की तरफ ले जाते हैं व भाई-चारे की भावना को जाग्रत करते हैं। इस प्रकार जीवन में त्यौहारों का महत्व बहुत ही ज्यादा है।
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